AC और DC Current में क्या अंतर है ?

AC और DC Current में क्या अंतर है   (Difference in AC and DC) आज मैं आपको बहुत आसान तरीके से समझाने की कोशिश करूंगा की  ac and dc current   क्या  होता   है, तो चलो शुरू करते  है।  विद्युत धारा (Current) में विद्युत चालकता का विभाजन दो प्रकार से होता है - एल्टरनेट करंट (Alternate Current - AC) और डायरेक्ट करंट (Direct Current - DC). डायरेक्ट करंट (DC) एकमुख धारा होती है, जिसमें विद्युत चालकता एक ही दिशा में फ्लो करती है। इसमें विद्युत धारा बिना बदले, एक स्थिर मान से गुजरती रहती है। यह सामान्यतः बैटरी और सेलों में प्रयोग किया जाता है जो विद्युत ऊर्जा को संचयित करते हैं। एल्टरनेट करंट (AC) दोनों दिशाओं में धारा बदलती रहती है। यह विद्युत चालकता समय-समय पर पूरी दिशा में प्रत्यावर्तित होती है, जिसके कारण उसके विद्युत धारा में बदलाव होता रहता है। एसी का उपयोग विद्युत शक्ति परिवाहन और घरेलू उपयोगों में होता है, क्योंकि यह ऊर्जा को दूरीदूरी तक पहुंचाने में मदद करता है। इन दोनों प्रकार के धाराएँ अपने-अपने उद्देश्यों में विभाजित होती हैं और हर एक के अपने-अपने फायदे और प्रयोग होते हैं ।

TRANSFORMER क्या होता है?

TRANSFORMER क्या होता है?





आज मैं आपको बहुत आसान तरीके से समझाने की कोशिश करूंगा की Transformer क्या होता है, तो चलो शुरू करते  है।
  



 Transformer का अविष्कार Michael Faraday ने सन 1831 मे किया था। 




 

अब हम जानेंगे की ट्रांसफार्मर क्या होता है। यह एक विधुत ( electric ) यंत्र है जो की AC (alternating current ) supply की frequency को बिना बदले कम या ज़्यदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और यह AC वैद्युतिक ऊर्जा को एक परिपथ से दूसरे परिपथ में स्थानांतरित कर सकती है। 


कार्य सिद्धांत

यह म्यूच्यूअल-इंडक्टेन्स के सिद्धांत पर कार्य करता है क्यूकि इंडक्टेन्स केवल AC परिपथों मे होता है। अतः ट्रांसफॉर्मर भी केवल AC (alternating current) पर ही कार्य कर सकता है DC (direct current) पर नही।




संरचना 

Transformer में दो प्रकार की Winding होती है। 

(a ) Primary Winding = Transformer के जिस winding पर AC Supply या Input दी जाती है वह Primary winding कहलाती है 


(b ) Secondary Winding = Transformer के जिस winding से output     मिलती है। वह Secondary winding कहलाती है 




टांस्फॉर्मर के प्रकार 
  1. Output voltage के आधार पर --
  • (a ) Step Up ट्रांसफार्मर = जो Input voltage को बढाकर अधिक output voltage प्रदान करता है और इसमें secondary winding में ज़्यदा coil के truns होती है। Step up ट्रांसफार्मर कहलाती है। इसका use inverter ,stabilizer  etc. में होता है। 
                                  Transformers

  • (b ) Step down ट्रांसफार्मर = जो input voltage को घटाकर कम output voltage प्रदान करता है। और इसमें primary winding में ज्यादा coil की turns होती है step down ट्रांसफार्मर कहलाता है। इसका use बहुत ज्यादा होता है 



    2 . कोर की संरचना के आधार पर ---

  • (a ) शेल टाइप = यह E तथा I आकार  के पत्तियों को जोड़कर बनाया जाता है।  

  • (b ) कोर टाइप  = यह L आकार के सिलिकॉन स्टील की पत्तियों को इन्सुलेट करके जोड़कर बनाया जाता है। 
                                        




     3 . फेज की संख्या के आधार पर ----
  • (a ) सिंगल फेज ट्रांसफार्मर = यह ट्रांसफार्मर सिंगल फेज की वोल्टेज को कम या ज़्यदा करता है। 
            Single Phase Transformer and Applications of Single Phase ...
  • (b) थ्री फेज ट्रांसफार्मर = यह ट्रांसफार्मर थ्री फेज पर काम करता है।  


                Three Phase Transformer


मुझे उम्मीद है की आप लोगो को समझ आ गया होगा की Transformer क्या होता है। अगर आपको कुछ समझ नही आया तो comment box मे पुछ सकते है।



BASIC BUT IMPORTANT



  • Transformer की rating की unit = kVA (Kilovolt-ampere)



Thank You....





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PASSIVE COMPONENTS AND ACTIVE COMPONENTS KYA HOTA HAI?

ओम का नियम क्या होता है ?(ohm's law)